Sunday, August 1, 2021

बाबा बालक नाथ आरती

 

ॐ जय कलाधारी हरे - बाबा बालक नाथ आरती (Shri Baba Balak Nath Aarti)

ॐ जय कलाधारी हरे, 
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया, भव से पार करे|

 ॐ जय कलाधारी हरे ॥

बालक उमर सुहानी, नाम बालक नाथा,

अमर हुए शंकर से, सुन के अमर गाथा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

शीश पे बाल सुनैहरी, गले रुद्राक्षी माला,
हाथ में झोली चिमटा, आसन मृगशाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

सुंदर सेली सिंगी, वैरागन सोहे,
गऊ पालक रखवालक, भगतन मन मोहे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

अंग भभूत रमाई, मूर्ति प्रभु रंगी,
भय भज्जन दुःख नाशक, भरथरी के संगी ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

रोट चढ़त रविवार को, फल, फूल मिश्री मेवा,
धुप दीप कुदनुं से, आनंद सिद्ध देवा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

भक्तन हित अवतार लियो, प्रभु देख के कल्लू काला,
दुष्ट दमन शत्रुहन, सबके प्रतिपाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

श्री बाबा बालक नाथ जी की आरती, जो कोई नित गावे,

कहते है सेवक तेरे, मन वाच्छित फल पावे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया, भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

Wednesday, October 10, 2018

बाबा बालक नाथ जी की स्तुति

           जय बाबा बालक नाथ जी


आपका नाम है बालक, रिद्धि सिद्धि के तुम हो मालिक, अर्ज हमारी सुनो स्वामी, घट घट के तुम अंतर्यामी, तेरे दर्शन का हूँ प्यासा, पूर्ण कर दो मेरी आशा, कष्ट निवारो काज संवारो, भव सागर से पार उतारो, आया शरण तुम्हारी, बाबा जस जय पोणाहारी||
सुहाना वर्ण निराला, आसन सोना है म्रगशाला, सिंगी माला गल मे सोहे, भक्तजनो के जो मन मोहे, मस्तक तेज निराला दमके, सुंदर पद्म पैर मे चमके, अंग भभूत है खूब रमाई, जटा सुनहरी शीश सुहाई, रुप धरा अवतारी, बाबा जय जय पोणाहारी||
महिमा तेरी गाऊ, मन मंदिर में तुझे बसाऊ, पिता नारायण लक्षमी माता, यश तुम्हारा है जग गाता, नाम प्रभु का ध्याया तुमने, वर शंकर से पाया तुमने, अमर हुए अमर फल पाया, मोहमाया से प्यार ना किया, बने बाल ब्रम्हचारी, बाबा जय जय पोणाहारी||
बाबा जी बालक सिद्ध, कलियुग में हुए प्रसिद्ध, घर रत्नो के अलख जगाते, गऊओ के पाली कहलाते, एक रोज माया बरताई, देख रही थी रत्नो माई, कईं बरस की रोटिया सारी, लस्सी की भर दिनी क्यारी, रचया कोतुक भारी, बाबा जय जय पोणाहारी||
वचन को पूरा किया, रत्नो का लेखा दिया, महिमा सुन कर गौरख नाथ, आए लेकर चेले साथ, भूख लगी गौरख फरमाए, दुध साथ सब दियो रजाए, जबरन तुमको करने चेले, गौरख मंडली डाले घेरे, उड़ गए मार उडारी, बाबा जय जय पोणाहारी||
शाहतलाई गाँव, गौरख मंडली देख तमाम, धौलगिरी के पर्वत अंदर, सुंदर सुहाना रचया मंदिर, मंदिर मे है तुमरी ज्योति, सुबह शाम है आरती होती, तेरी महिमा लिखी ना जाती, पूजा पाठ होवे दिन राती, है सुदंर गुफा न्यारी, बाबा जय जय पोणाहारी||
शरण में जो जन आए, मन इच्छा सोई फल पाए, सात बार जो पड़े प्रेमी, श्रद्धा से होवे नित नेमी, सुबह शाम पाठ जो करे, सकल कष्ट बाबा जी हरे, दूख दरिद्र नेड़े ना आवे, ज्ञान ध्यान सभी सुख पावे, पर बन के प्रेम पुजारी, बाबा जय जय पोणाहारी||
जय बाबा बालक नाथ जी 

Friday, October 5, 2018

बाबा जी का पाठ


ओंकार, ओंकार,ओंकार बाल धार का भक्तो का रखवाला
सोने की चौंकी, रूपे की माला,
मायाधारी, छायाधारी, रूपधारी, धूपधारी, तिलकधारी,
गंगा जी के वासी, सदा रहे सुख के दासी, मौठो चापी पंखी हंस खड़ावा
सिर उत्ते बांवरिया सिद्धो सिद्ध रखवारी ना खांदे रोटी, ना पींदे पानी,
बारह साल गऊआ चराईयाँ पोणाहारी, दुग्दाधारी, कलाधारी
गुफा निवासी बाबा जी, रखना लाज हमारी, गुरु की शक्ति मेरी भक्ति ईश्वर महादेव की दूहाई वाचे फुरैः
आदेश, आदेश, आदेश मेरे गुरू महाराज जी को आदेश,
आदेश, आदेश, आदेश नौः नाथ चौरासी सिद्ध चौसठ योगन बावन वीर जी को आदेश,
आदेश, आदेश, आदेश भोले नाथ जी को आदेश,
आादेश, आदेश, आदेश दुर्गा माता जी को आदेश,
आदेश, आदेश, आदेश धरती माता जी को आदेश
आदेश, आदेश, आदेश मेरे बाबा पौणाहारीं को आदेश||
जय जय बाबा बालक नाथ रखो लाज करो काज,
जय जय बाबा बालक नाथ रखो लाज करो काज,
जय जय बाबा बालक नाथ रखो लाज करो काज,
सिद्धो सिद्ध, सिद्धो सिद्ध, सिद्धो सिद्ध ||